ताड़मेटला मुठभेड़ फर्जी, सर्व आदिवासी समाज के तत्वावधान में संभाग के सभी जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन
ताड़मेटला मुठभेड़ फर्जी, सर्व आदिवासी समाज के तत्वावधान में संभाग के सभी जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन
बस्तर - सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने सुकमा में हुए पुलिस और नक्सली मुठभेड को फर्जी बताते हुए कहा दिनांक 05/09/2023 को सुबह 6ः00 बजे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से समाचार प्रसारित किया जाता है कि गुलेड़ और ताड़मेटला में नक्सली और पुलिस के बीच मुठभेड हो रहा है। मीडिया में यह समाचार पुलिस जिला सुकमा के सूचना के आधार पर समाचार चलाया जाता है। जो कि पूर्ण रूप से सुनियोजित और फर्जी मुठभेड़ को अंजाम दिया गया है। सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग को प्राप्त पुष्ट समाचार के आधार पर यह मुठभेड फर्जी है

वास्तविक घटना का विवरण यह है कि दिनांक-04/09/2023 को दोनों मृतक सोडी कोसा एवं रवा देव सुबह 08ः30 बजे अपने निवास ग्राम ताड़मेटला से मृतक सोडी कोसा के जीजा मुचाकी माना के गांव तिम्मापुरम सुबह 10ः00 बजे पहुंचे थे। वर्ष 2019 में मृतक रवा देवा, सोडी कोसा, पायल हिड़मा एवं मुचाकी माना, ग्राम बुटकेल के गला व्यापारी छोटा लंबडी (बंजारा) के पास धान विक्रय किये थे। धान विक्रय के समय ही नगदी 20,000/- दे दिया था। शेष राशि 17,000/- बचा था। धान विक्रय मुचाकी माना के माध्यम से हुआ था। वर्ष 2019-20 में मुचाकी  माना अन्य मामले में 14 माह जेल में बंद था। जेल से छूटने के बाद मुचाकी माना के साथ मृतक सोढ़ी कोसा, रवा देव व्यापारी के पास अचानक पहुंचने पर छोटा लंबडी नें कहा खबर करके आना था, अभी रकम नहीं दे सकता। कुछ दिन का मोहलत दो मैं शेष रकम भुगतान कर दूंगा।
दोपहर मुचाकी माना के घर में मृतक द्वय खाना खाने के बाद मुचाकी माना के मोटरसाइकिल से मछली बीज लेने मलकानगिरी जाना है कह कर 12ः00 बजे तिमापुरम से चिंतलनार पहुंचे किराना दुकान में पेट्रोल खरीद रहे थे तभी डीआरजी के जवान आकर सोड़ी कोसा एवं रवा देवा को पकड़ कर हाथ पीछे बांधकर चिंतलना थाना ले गए कुछ समय पश्चात पुलिस के जवान जाकर मोटरसाइकिल को भी ले गए और लगभग 02ः00 बजे थाना से लेकर दोनों ग्रामीणों को मोटरसाइकिल से आगे पीछे बांधकर मुकरम कैंप की ओर ले गए, ले जाते समय जिसे प्रत्ययदर्शी ग्रामीणों ने देखा मुकरम कैंप से करीब शाम 05ः00 बजे सर्चिंग के नाम पर कैंप से बाहर निकाल कर दोनों ग्रामीणों को ले गए दिनांक 04/09/2023 को ताड़मेटला और गड़गड़ मेटा के जंगल में ले जाकर रात्रि करीब 08ः00 बजे चार फायर चलने की आवाज आई जिसे ग्राम ताड़मेटला और मुकरम के लोग सुने हैं गोलियां चलने के कुछ देर बाद अंधेरी रात में वाहनों का आवाज आई होने लगा रात्रि लगभग 02ः00 बजे वाहनों का आवा जाई बंद हो गया। दिनांक 05/09/2023 को सुबह 05ः00 ग्रामीण के दोनों शवों को लेकर पुलिस वाले सुकमा ले गए।

व्हाट्सएप के माध्यम से पता लगने पर गांव वाले दिनांक 06/09/2023 को दो ट्रैक्टरों में सुकमा रवाना हुए। एक ट्रैक्टर को चिंतलनार एवं एक ट्रैक्टर को दोरनापाल में रोक दिया गया। कुछ ग्रामीण मोटरसाइकिल व्यवस्था कर सुकमा आकर शव का पता लगाए। पुलिस वालों ने बताया कि पीएम नहीं हुआ है कल होगा कहकर थाने में बैठा दिया गया। थाना में ही बैठ कर रखा गया रात्रि होने से थाना के गेट पर ताला लगाकर एक रूम में रहने को मजबूर कर दिया। 
रात्रि लगभग 03ः00 बजे थाना से ग्रामीणों को उठाकर चलो गाड़ी में बैठों बोलकर शव गाड़ी में रखा है बोल कर ग्रामीणों को दूसरी गाड़ी में बैठया गया। दिनांक 07/09/23 को दोनों लाश गांव से लाकर पुलिस वालो ने ही आनन फानन में बड़ी की लकड़ी (कुटा) को उखाड़ कर आदिवासियों के रस्म रिवाज को ताक में रख कर डीजल-पेट्रोल डालकर चिता को जलाया गया। आदिवासियों को मृतक के रस्म रिवाज गोत्र के हिसाब से अलग-अलग जलाने गड़ाने की प्रथम अनुसार करने नहीं दिया गया।
ताड़मेटला मुठभेड़ फर्जी, सर्व आदिवासी समाज के तत्वावधान में संभाग के सभी जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन
जब मुठभेड़ के बाद सब उनके परिजनों को सौप जाता है लेकिन सुकमा पुलिस प्रशासन ने फर्जी मुठभेड़ का साक्ष्य को छुपाने के लिए दोनों शवों को अंतिम संस्कार पुलिस प्रशासन के निर्देश पर अंतिम संस्कार किया है। जो की आदिवासी समुदाय की सामाजिक रीति रिवाज और परंपराओं का घोर उल्लंघन किया है सुकमा पुलिस प्रशासन द्वारा फर्जी मुठभेड़ को अंजाम देने के बाद आदिवासी समुदाय के बीच काम कर रहे सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग के सुकमा जिला इकाई एवं अन्य संगठनों को पीड़ित के गांव में आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 
फर्जी मुठभेड़ में मारे गए सोढ़ी कोसा, पिता विडाल 32 वर्ष एवं राव देवा पिता बंडी उम्र 39 वर्ष ग्राम ताड़मेटला में रहकर अपने परिवार के साथ जीवन यापन करते थे रवा देवा किराने की दुकान का संचालन करता था। सोढ़ी कोसा भी लघु हालर मिल एवं ट्रैक्टर चलाकर जीवन यापन करता थे। एक तरफ पुलिस दावा करता है कि नक्सलियों के दो हजार के नोट में को बैंक में जमा करता है। जब कि रवा देवा दिनांक 25/08/2023 को एक्सिस बैंक से खुद के चालू खाता से रकम आहरण किया था। जिसे पुलिस प्रशासन इनामी नक्सली घोषित करता है मृतक रवा देवा ट्रैक्टर ड्राइवर के रूप में पुलिस वाले मड़कम भीमा के यहां ट्रैक्टर ड्राइवर के रूप में जुनागुड़ा में रहकर ड्राइवरी काम कर रहा था।

सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग निम्न ज्वलत प्रश्न उठाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग करता हैः- 1.दिनांक 04/09/2023 को चिंतलनार के किराना दुकान से पेट्रोल भरवाते हुए पकड़े गए सोढ़ी कोसा, पिता विड़ाल एवं रवा देवा, पिता बंड़ी को गिरफ्तार उपरांत कानूनी प्रक्रिया पूर्ण कर अग्रिम कार्यवाही के लिए न्यायालय में पेश क्यों नहीं किया।

2.दिनांक 04/09/2023 को सार्वजनिक जगह से पड़कर, हाथ बांधकर, थाना ले जाकर रात्रि 8ः00 बजे फर्जी मुठभेड़ कराकर नक्सली मुठभेड़ का अंजाम दे रहे है।

3.इस फर्जी मुठभेड़ में शामिल थाना प्रभारी एवं इस मुठभेड़ को अंजाम देने वाले सभी पुलिस कर्मचारियों/अधिकारियों के विरुद्ध धारा 302 के तहत हत्या का प्रकरण दर्ज किया जावे।

4.फर्जी मुठभेड़ के बाद शव उनके परिजनों को सौंपना था, ऐसा ना कर के सुकमा पुलिस प्रशासन नेे स्वयं गांव तक शव के साथ जाकर आनन-फानन में डीजल डालकर शव को जला दिया गया। आदिवासी समुदाय के शव को सामाजिक रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करने के परंपरा का घोर उल्लंघन किया है।
 
5.सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग मांग करता है कि मृतक के परिजनों को मुआवजा बतौर एक-एक करोड़ दिया जावे साथ ही परिजनों को सरकारी नौकरी दिया जावें।

दिनांक 11/09/2023 को सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग के साथ ही सर्व आदिवासी समाज जिला सुकमा एवं कोया कुटमा समाज, धुरवा समाज, दोरला समाज के पदाधिकारियों ने संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर की अध्यक्षता में घटना स्थल एवं मृतक परिजनों से मिल कर घटना की वस्तविकता से अवगत हुए। जिसमें समाज के पंप्पू नाग, संतु मौर्य, गंगा नाग, मोसू पोयाम, हिड़मो मंडावी, लखेष्वर कष्यप एवं दंतेवाड़ा, सुकमा जिला के समाजिक पदाधिकारी सामिल थे। इसके विरोध में सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग के तत्वाधान में दिनांक 16/09/2023 दिन शनिवार को संभाग के सभी जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना/प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है।

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