बेटियों को बचाने को लिए तेंदुए से भिड़ गया पिता, गुजरात के दाहोद में सामने आई 'ब्रेव हार्ट डैड' की कहानी
गुजरात - तेंदुए के नाम से ही लोग डर जाते हैं लेकिन गुजरात के दाहोद में ऐसा नहीं हुआ। तेंदुए ने एक मजदूर की मासूम बेटी को शिकार बनाने की कोशिश की तो बहादुर पिता तेंदुए से भिड़ गया और अपनी बेटी को मौत के मुंह से निकाल लिया। बहादुर पिता ने जिस तरह से तेंदुए से अपनी दो बेटियों को बचाया और तेंदुए का मुकाबला किया। गांव के लोग पिता की बहादुरी की तारीफ कर रहे हैं तो वन अधिकारी भी हैरत में हैं।
दाहोद में फूलपुर की घटना
यह घटना दाहोद जिले के फुलपुर गांव में घटी। यहां रहने वाले अंकित डामोर का परिवार एक कच्चे मकान में रहता है। रविवार की सुबह 3 बजे शौच के जाने के कारण घर का दरवाजा खुला हुआ था। डामोर की दोनों बेटियां घर में सो रही थी। नित्यक्रिया के बाद जब डमोर घर लौटा तो उसने देखा कि तेंदुए ने उसकी छोटी बेटी वंश को जबड़े में दबा रखा है। बेटी को बचाने के लिए डामोर ने तेंदुए की ओर छलांग लगा दी। तो तेंदुए ने बेटी को छोड़ दिया।
बड़ी बेटी दबा लिया
छोटी बेटी को छोड़ने के बाद तेंदुए ने पास में सो रही पांच की बड़ी बेटी कव्या को जबड़ों में जकड़ लिया। तेंदुआ बेटी को लेकर भागने की कोशिश करने लगा तो लगा। तो डामोर ने उसका पीछा किया और पिता तेंदुए से भिड़ गए। कुछ देर की धक्का-मुक्की के बाद डमोर ने तेंदुए के ऊपर एक कपड़े का टुकड़ा फेंक दिया। इसस वह दहशत में आज गया और झाड़ियों की घुसने से पहले बेटी को छोड़ दिया। देवगढ़ बारिया जिले के सहायक वन सरंक्षक प्रशांत तोमर ने बताया कि कि ऐसी परिस्थिति में पिता नंगे हाथ ही तेंदुए के सामने दीवार बनकर खड़ा हो गया और बहादुरी से अपनी बेटियों की जान बचाई। इस घटना में अंकिल डामोर की दोनों बेटियों को सिर और चेहरे पर काफी चोट आई है। चीख-पुकार सुनकार गांव के लोग भी पहुंच गए और घटना में घालय हुई बेटियों को अस्पताल ले जहां उनका इलाज किया गया
बेटियों को मिली नई जिंदगी
अपनी बहादुरी से अंकिल डामोर ने दोनों बेटियों की न सिर्फ जान बचाई, बल्कि उन्हें नई जिंदगी दी है। इस घटना में अंकिल को भी चोट आई है। गांव और आसपास के क्षेत्रों अंकिल की बहादुरी की खूब चर्चा हो रही है तो वहीं वन विभाग के अधिकारियों ने अंकिल के साहस की तारीफ करते हुए उसे डैड ऑफ ईयर कहा है। गुजरात में हाल ही में तेंदुए के हमले की यह चौथी घटना है। इसके पहले अमरेली जिले में तेंदुए ने तीन बच्चों को शिकार बना लिया था।
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