लिफ्ट मांगने पर बस्तर के आदिवासी छात्र को पहले लात-घूंसों से पीटा, फिर सड़क पर पटक-पटक कर ले ली जान
लिफ्ट मांगने पर बस्तर के आदिवासी छात्र को पहले लात-घूंसों से पीटा, फिर सड़क पर पटक-पटक कर ले ली जान
क्राइम रिपोर्टर | रायपुर - निजी विश्वविद्यालय के आदिवासी छात्र की पीटकर हत्या के आरोपी घटना के एक हफ्ते बाद रविवार को पकड़े गए। आदिवासी छात्र के साथ उनका कोई विवाद नहीं था। छात्र ने आधी रात को कोई वाहन न मिलने की वजह से उन्हें लिफ्ट मांगने के लिए रोका था। इसी से नाराज होकर दोनों ने उसके साथ पहले लूटपाट की फिर मारपीट करने के बाद जमीन पर पटक दिया। इससे उसके सिर पर गहरी चोट आई और छात्र की मौत हो गई। हत्याकांड के बाद आरोपी युवक फरार हो गए थे।

पुलिस के अनुसार बस्तर के लोहाड़ीगुड़ा में रहने वाले मंगल मुरया (21) के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। वह पढ़ाई के लिए रायपुर आया था। कलिंगा यूनिवर्सिटी में वह फर्स्ट ईयर का छात्र था। 24 जून को रात करीब 1 बजे वह कालीबाड़ी चौक पर खड़ा था। उसे कहीं जाना था लेकिन कोई साधन नहीं मिल रहा था। इसी दौरान एक बाइक पर दो युवक वहां पहुंचे। उन्हें देखकर मंगल ने उन्हें रोका और उनसे लिफ्ट मांगी।
निवेदन किया कि रात हो रही है उसे आगे तक छोड़ दें। बाइक सवार लड़के इस बात से नाराज हो गए कि लिफ्ट मांगने के लिए उसने गाड़ी क्यों रुकवाई। वो मंगल को गाली देने लगे। उसने ऐसा करने से मना किया तो विवाद शुरू हो गया। इसके बाद दोनों युवक उसे जबरदस्ती अपनी बाइक पर बिठाकर बीएसयूपी कॉलोनी भाठागांव ले गए। आरोपियों ने वहां एक पान ठेले के पीछे उसके साथ जमकर मारपीट की। उसका एटीएम कार्ड और मोबाइल भी छिन लिया। गुस्साए लड़कों ने उससे एटीएम का पासवर्ड पूछा। लेकिन मंगल ने नहीं बताया। इससे उनका गुस्सा और बढ़ गया। उन्होंने उसे सिर के बल सड़क पर पटकना शुरू कर दिया।

पूछताछ के दौरान ही लड़कों की पहचान हो गई
युवक की मौत होने के बाद पुलिस ने बस्ती और आसपास पूछताछ की तो लड़कों की पहचान हो गई। वहां के कुछ लोगों ने भी बताया कि युवक काफी देर से मंगल के साथ मारपीट कर रहे थे। इसके बाद पुलिस ने भाठागांव में ही रहने वाले सावन डोंगरे उर्फ सोनू (19) और एक नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में ही दोनों ने उसकी हत्या करना कबूल कर लिया। उनके पास से मंगल का मोबाइल, पर्स, एटीएम और अन्य सामान भी बरामद हो गया है। सावन को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल और नाबालिग को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।

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